Online Retailers get Warning from Government, Cheating with Customers Will not be Tolerated
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर, Piyush Goyal ने कहा कि ई-कॉमर्स साइट्स पर फ्लैश सेल्स का फायदा उठाने के लिए खरीदारी करने वाले कस्टमर्स को अक्सर ऐसी एंटीटिज की ओर डायवर्ट किया जाता है जिन्हें ऑनलाइन रिटेलर की ओर से बढ़ावा दिया जाता है। यह धोखाधड़ी है और फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) रूल्स के खिलाफ है। उनका कहना था, “अगर कोई डिस्काउंट देना चाहता है तो मुझे शिकायत क्यों करनी चाहिए। कस्टमर्स को अच्छा डील मिल रही है तो हमें कोई समस्या नहीं है।” कंज्यूमर मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी भी संभालने वाले गोयल ने कहा कि समस्या दो कारणों से है। पहला गुड्स की डंपिंग के जरिए भेदभाव वाली प्राइसिंग और दूसरा कस्टमर्स के विकल्पों को सीमित करना।
चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत कम प्राइसेज पर गुड्स की लंबी अवधि तक डंपिंग से देश में मैन्युफैक्चरिंग को नुकसान होता है और कस्टमर्स को अधिक प्राइसेज पर गुड्स खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। गोयल का कहना था, “कस्टमर्स सेल्स को लेकर उत्साहित हो सकते हैं लेकिन मुझे कस्टमर्स के लंबी अवधि के हित को देखना होगा। गलत प्राइसिंग या लोगों को धोखा देने के ऐसे तरीकों के हम खिलाफ हैं।” उन्होंने बताया कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के पास फंड की कमी नहीं है और उनके लिए देश में कुछ अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करना और बड़ा नुकसान उठाना समस्या नहीं है।
उन्होंने दोहराया कि ई-कॉमर्स कंपनियों और मार्केटप्लेसेज को देश के FDI कानून का पालन करना होगा। गोयल ने कहा कि ये कंपनियां अपने सिंगल ब्रांड प्लेटफॉर्म के तौर पर प्रोडक्ट्स बेच सकती हैं। उन्होंने बताया, “हमें इससे कोई समस्या नहीं है और इसकी अनुमति है लेकिन मार्केटप्लेस मॉडल को सिंगल ब्रांड रिटेल बिजनेस के साथ मिक्स नहीं किया जा सकता।” इससे पहले कुछ व्यापार संगठन भी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबारी तरीकों का विरोध कर चुके हैं।
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